जिस दवा को बनाने का लाइसेंस दिया गया है वह ऑस्टियोपोरोसिस, फ्रैक्चर उपचार, ऑस्टियो आर्थराइटिस और अन्य एंडोक्रिनोलॉजिकल विकारों के उपचार में बेहद लाभदायक है। अमेरिकी कंपनी द्वारा इसका उत्पादन क्लिनिकल ट्रायल और क्लिनिकल अप्रुवल (नैदानिक अनुमोदन) के बाद किया जाएगा। देश में इसका उत्पादन 2017 से किया जा रहा है।
सीडीआरआई के एंडोक्रिनोलॉजी डिवीजन की वरिष्ठ वैज्ञानिक रितु त्रिवेदी के अनुसार, यह दवा हड्डी के टूटने की प्रक्रिया को रोकती है और नई हड्डी के गठन को उत्तेजित करती है। साथ ही हड्डी के टर्नओवर मार्करों को भी कम करती हैं। निदेशक डॉ प्रो. तपस कुमार कुंडू ने कहा कि यह लाइसेंस हमारे नवोन्मेषी विज्ञान की क्षमता का एक प्रतिमान है। एवेता बायोमिक्स के सीईओ डॉ पराग जी मेहता ने बताया कि ऑस्टियोपोरोसिस के लिए जीवन भर उपचार की आवश्यकता होती है। वर्तमान में उपलब्ध दवाओं की उपचार अवधि एक से पांच वर्ष की है।
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