विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission) ने उच्च शिक्षा हासिल करने वाले छात्रों के लिए एक साथ दो डिग्री कोर्स करने की राह खोल दी है। अब छात्र देश के किसी भी विश्वविद्यालय से एक साथ दो डिग्री कोर्स कर सकेंगे। UGC ने विश्विद्यालयों एक विस्तृत गाइडलाइन भी जारी की है और कहा है कि विश्वविद्यालय इस दिशा में तेजी से आगे बढे और योजना बनाएं।
इसके साथ ही छात्र फिजिकल मोड में भी एक साथ दो डिग्री कोर्स कर सकेंगे, बशर्ते दोनों ही कोर्सों की कक्षाओं का समय अलग-अलग हो ताकि पढ़ाई में कोई बाधा न आए। UGC काउंसिल की बैठक में दो डिग्री प्रोग्राम, प्रोफेसर ऑफ़ प्रैक्टिस, पीएचडी व विदेशी छात्रों के लिए अतिरिक्त सीटों पर दाखिले के प्रस्ताव मंजूरी दी गई थी। और इसी के आधार पर UGC ने इसकी गाइडलाइन विश्विद्यालयों और राज्यों को भेज दी है।
हालांकि, यह नियम पीएचडी प्रोग्राम में लागू नहीं होगा।
UGC के चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने कहा कि छात्रों को एक साथ दो डिग्री कोर्स करने का इंतज़ार लम्बे समय से था। छात्रों को एक साथ दो डिग्री हासिल करने की अनुमति देने का उद्देश्य हर एक छात्र की अद्वितीय क्षमताओं को पहचानना और बढ़ावा देना है। इसके अलावा ओडीएल (ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग) और ऑनलाइन मोड के तहत डिग्री या डिप्लोमा प्रोग्रामों को केवल उच्च शिक्षा संस्थानों के साथ ही आगे बढ़ाया जाएगा।
साथ ही UGC ने अपनी गाइडलाइन में साफ कहा है कि पीएचडी को छोड़कर बाकी किसी भी कोर्स में दो डिग्री एक साथ हासिल की जा सकती है। इसके लिए छात्रों को एक साथ ऐसे दो अलग-अलग कोर्सों को भी करने की भी अनुमति मिलेगी, जिसमें एक फिजिकल मोड और एक ऑनलाइन मोड में होगा। और सबसे जरूरी बात यह है कि दोनों ही कोर्स पूरी तरह से वैध होंगे।
आपको बताते चलें कि देश में पहले ऐसी व्यवस्था नहीं थी की छात्र एक साथ दो कोर्स कर सकें। अगर छात्र करते भी थे तो भी एक समय पर केवल एक ही कोर्स की वैधता थी।
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