प्राचीन काल में ‘मैनचेस्टर ऑफ़ द ईस्ट’ (Manchester of the East) के रूप में प्रसिद्ध, कानपुर के चमड़े का काम भारत और दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इस शहर के कारीगर एक सदी से भी अधिक समय से ‘हार्नेस’ (Harnesses) और ‘घोड़े की काठी’ (horse saddles) का उत्पादन कर रहे हैं, हालांकि ‘कानपुर सैडलरी’ (Kanpur Saddlery) के लिए 2014 में एक ‘जीआई टैग’ (GI tag) को मंजूरी दी गई थी। चलिए हम आपको कानपूर के चमड़े के इतिहास के बारे में बताते हैं की कैसे कानपुर ने अपने अद्वितीय घुड़सवारी परिधान के साथ दुनिया के नक़्शे पर खुद को स्थापित किया।
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