लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर बेरोकटोक गाड़ियों की आवाजाही रोकने के लिए रेलवे अब एयरपोर्ट जैसी इंटीग्रेटेड पार्किंग व्यवस्था शुरू करने जा रहा है। अब स्टेशन परिसर में आने वाले वाहनों पर लगाम लगाई जा सकेगी और कहीं भी वाहन खड़ा करने पर रोक लगेगी।
इसके लिए रेलवे प्रशासन ने स्टेशन परिसर में आने वाले प्राइवेट वाहनों के लिए पार्किग 10 मिनट तक ही मुफ्त करने का फैसला लिया है। और अगर कोई भी वाहन पार्किंग की बजाय इधर उधर गलत तरीके से करता है तो उसपर तत्काल प्रभाव से जुर्माना वसूला जाएगा और वाहनों को क्रेन से उठा लिया जाएगा।
इंटीग्रेटेड पार्किंग व्यवस्था के तहत चारबाग के मुख्य एंट्री और एग्जिट पर इलेक्ट्रॉनिक बैरियर लगाए जा रहे हैं जिसका काम लगभग पूरा हो चुका है। कोई भी वाहन जो परिसर में दाखिल होगा उसे बैरियर के पास ही इलेक्ट्रॉनिक स्लिप मिल जाएगी जिसमें वाहन का नंबर और आने जाने का समय दर्ज होगा और उसी के हिसाब से निर्धारित शुल्क वसूला जाएगा। प्राइवेट वाहनों के लिए 10 मिनट पार्किंग मुफ्त रहेगी और बाद में शुल्क देना पड़ेगा। वहीँ, कमर्शियल वाहनों के लिए कोई छूट नहीं है। स्टेशन परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए सीसीटीवी कैमरों को भी लगाया जा रहा है।
स्टेशन परिसर में पार्किंग को व्यवस्थित तरीके से लागू करने के लिए वाहनों के आने जाने के लिए 3 अलग अलग लेन बनाई गई है। पहली लेन प्राइवेट वाहनों के लिए होगी, दूसरी कमर्शियल जैसे कि कैब, टैक्सी और ऑटो और तीसरी लेन वीआईपी वाहनों के लिए होगी। वाहनों के प्रकार के हिसाब से ही लेन में प्रवेश दिया जाएगा।
प्राइवेट वाहनों के लिए पहले 10 मिनट पार्किंग मुफ्त रहेगी, लेकिन इससे ज्यादा समय लगता है तो निर्धारित शुल्क देना होगा।
चार पहिया वाहनों को दो घंटे पार्किंग के लिए 20 रुपये दो से छह घंटे तक 30 रुपये छह से 12 घंटे तक 40 और 12 से 24 घंटे तक 60 रुपये शुल्क वसूलने का प्रस्ताव है। जानकारी के मुताबिक शुल्क का अंतिम निर्णय रेलवे द्वारा लिया जाएगा और उसके बाद इसे लागू कर दिया जाएगा।
स्टेशन परिसर में 13 बूम बैरियर लगाए जाएंगे और 2500 वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था होगी। पार्किंग व्यवस्था को अच्छे से संचालित करने के लिए एक शिफ्ट में 35 कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई जायेगी।
आपको बताते चलें कि रेलवे की तरफ से आधुनिक इंटीग्रेटेड पार्किंग व्यवस्था इसलिए की जा रही है ताकि स्टेशन परिसर में जाम की समस्या से छुटकारा मिल सके। और स्टेशन परिसर में अनावश्यक वाहनों को प्रवेश होने से रोका जा सके और अराजकता और अशांति न फैले।
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