नवरात्री का महीना चल रहा है इस पावन अवसर पर मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाती है। भक्त नवरात्रि के नौ दिन देवी मां के अलग-अलग रूपों की पूजा करते हैं और देवी के मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का तांता लग जाता है। इसके साथ ही लखनऊ के अलग अलग इलाकों में दुर्गा पूजा के भव्य और आकर्षक पंडाल सजाये जाते हैं, जिन्हे देखकर लोग मंत्रमुग्ध रह जाते हैं। इस दौरान पंडालों में ढाक की धुन और धुनुचि की आरती का नज़ारा देखने लायक होता है।
शहर में करीब 100 से अधिक छोटी-बड़ी कमेटियां हैं, जो शहर के विभिन्न इलाकों में भव्य दुर्गा पंडालों में दुर्गा पूजा का आयोजन करती हैं। इस दौरान लखनऊ मिनी बंगाल में तब्दील हो जाती है। हम आपके लिए लेकर आए हैं शहर के 6 सबसे प्रमुख और भव्य पंडालों की सूचि जहां आपको देवी माँ के दर्शन करने जरूर जाना चाहिए।
मॉडल हाउस में अयोध्या राम मंदिर की थीम पर बनाए गए इस भव्य दुर्गा पंडाल की खूबसूरती देखने लायक है। 90 फुट के इस पंडाल को बनाने में 18 लाख रुपये का खर्च आया। इसे 30 कारीगरों और शिल्पकारों ने मिलकर तैयार किया है। इस पंडाल में माँ दुर्गा की 14 फ़ीट ऊँची भव्य मूर्ति स्थापित की गई है। करीब 3500 मीटर कपड़ा सूरत से मंगवाया गया और असम से 1500 बम्बू के बांस, 2500 लीटर पेंट का इस्तेमाल इस पंडाल को बनाने में लगा है।
लखनऊ में पहली बार जानकीपुरम सेक्टर एफ में माँ दुर्गा का सबसे विशाल पंडाल बनाया गया है। यह पंडाल 139 फुट लम्बा है जो एक 14 मंज़िला ईमारत के बराबर है। यह पंडाल श्री वृन्दावन चंद्रोदय मंदिर की थीम पर बनाया गया है। इस पंडाल को उत्सव दुर्गा पूजा कमेटी की तरफ से बनवाया गया है। पंडाल 10,500 स्क्वायर फीट में बना है और इसमें 4300 स्क्वायर मीटर का नीला कपड़ा और सफेद कपड़ा सूरत से मंगवाया गया है। इसके साथ ही असम से बम्बू के 10,200 बांस मंगवाए गए और करीब 5 कुंटल किलों का उपयोग किया गया है। इस पंडाल को बनाने में करीब 35 लाख रुपये का खर्च आया है।
इंदिरा नगर के रविन्द्र पल्ली इलाके में भी सफेद और सिल्वर कलर का विशाल पंडाल बनाया गया है। पंडाल को विशेष लाइटिंग से चमकाया गया है जिससे यह और भी आकर्षक लग रहा है। इस बार यहां पर दुर्गा पूजा पंडाल कोरोना की जंग से जीत पर बनाया गया है।
कैंट पूजा सेवा समिति द्वारा बनाए गए इस पंडाल में आपको बुलडोज़र की झलक देखने को मिलेगी। यहां मां दुर्गा अपने शेर के साथ बुलडोजर पर सवार हैं, पंडाल के अंदर भी जगह जगह ऐसे ही कटआउट लगाए गए हैं। कट आउट में मां दुर्गा बुलडोजर पर सवार हैं और इसे नाम दिया गया है "बुल्डोजरास्त्र" . समिति के अध्यक्ष एसएन पाल ने कहा कि इस थीम पर पंडाल बनाने की प्रेरणा हमें प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिली। जिस तरह से बाबा का बुलडोज़र माफिया और अपराधियों पर कहर बरपा रहा है यह उसी का प्रतीक है। यह समिति पिछले 70 साल से दुर्गा पूजा पंडाल का आयोजन करती आ रही है। और इस बार आज़ादी का अमृत महोत्सव की थीम पर यह पंडाल सजाया गया है।
जानकीपुरम के सहारा स्टेट इलाके में माँ दुर्ग का 65 फुट लम्बा दुर्गा पंडाल सजाया गया है। इस पंडाल को बनाने में बांस की बल्ली, कपड़ा, पॉलीस्टर का इस्तेमाल किया गया है और इसे बंगाल के 25 कारीगरों ने तैयार किया है। यह पंडाल नौका के आकार का बनाया गया है जो राम, लक्ष्मण और सीता के वनवास की कहानी को दर्शाता है।
हुसैनगंज की सड़क के किनारे बने हीवेट रोड पर बंगाली क्लब मौजूद है जहां सालों से दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है और माँ देवी का भव्य पंडाल सजाया जाता है। यह इलाका सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतिक है और यहाँ पर हिन्दू मुसलमान का एक सांस्कृतिक मिश्रण भी है। इस इलाके में चाहे कोई भी त्यौहार हो सभी तरह के उत्सवों में एक जैसा प्रेम देखने को मिलता है। यह शहर के सबसे मुख्य दुर्गा पंडालों में से एक हैं जहाँ पर लोग दूर दूर से आते हैं और माँ दुर्गा की आराधना करते हैं।
तो यह थे लखनऊ के सबसे बड़े और मुख्य पंडाल जहाँ की खूबसूरती और माँ दुर्गा का भव्य स्वरूप देखने को मिलता है। आप इनमें से किन किन पंडालों में गए हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं।
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