उत्तर प्रदेश में रोड कनेक्टिविटी को बेहतर करने और एक्सप्रेसवे का विशाल नेटवर्क बनाने के लिए प्रदेश सरकार लगातार काम कर रही है। और अब सरकार प्रदेश में 6 और नए एक्सप्रेसवे का निर्माण करने जा रही है।
मुख्यमंत्री ने बीते मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में निर्देश दिए थे कि औद्योगिक विकास के मद्देनजर दूरदराज के इलाकों को जोड़ने के लिए कुछ और एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाना चाहिए। और इसी के तहत प्रदेश में 6 नए एक्सप्रेसवे को बनाने का प्रस्ताव जारी कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश के प्रमुख धार्मिक शहरों को जोड़ने के लिए 6 नए एक्सप्रेसवे प्रस्तावित हैं, इससे हरिद्वार और वाराणसी भी गंगा एक्सप्रेसवे से जुड़ जाएंगे। गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के द्वितीय चरण में मेरठ से हरिद्वार और प्रयागराज से वाराणसी तक ग्रीन फील्ड वे का प्रस्ताव है। इस एक्सप्रेसवे से शाहजहांपुर, बरेली होते हुए रामपुर-रुद्रपुर (उत्तराखंड सीमा) तक एक एक्सप्रेसवे का निर्माण कराए जाने का प्रस्ताव है। इसी तरह से चित्रकूट धाम को प्रयागराज होते हुए गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ दिया जाता है, तो पश्चिमी उत्तर व पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड से आने वाला ट्रैफिक सुगम हो जाएगा। ठीक इस तरह से झाँसी लिंक एक्सप्रेसवे (बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से) और विंध्य एक्सप्रेसवे (चित्रकूट से मिर्ज़ापुर) की भी योजना तैयार की गई है।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे 91 किलोमीटर
गंगा एक्सप्रेसवे 594 किलोमीटर
लखनऊ कानपूर 63 किलोमीटर
गाजियाबाद-कानपुर 380 किलोमीटर
गोरखपुर-सिलीगुड़ी 519 किलोमीटर
दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून 210 किलोमीटर
गाजीपुर-बलिया 117 किलोमीटर
आपको बताते चलें कि यूपी में पहले से ही 6 एक्सप्रेसवे है जिनपर सुचारु रूप से ट्रैफिक संचालित हो रहा है, वहीं 7 एक्सप्रेसवे निर्माणधीन है। अब 6 नए प्रस्तावित एक्सप्रेसवे से यूपी में कुल 19 एक्सप्रेसवे हो जाएंगे और यूपी देश में सर्वाधिक एक्सप्रेसवे वाला देश का पहला राज्य हो जाएगा।
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