उत्तर प्रदेश में बायो-एनर्जी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने अपनी नई बायो-एनर्जी निति का मसौदा तैयार कर लिया है। प्रदेश सरकार कम्प्रेसट बायोगैस, बायोकोल, बायो एथेनोलो और बायोडीजल को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। सरकार बायो-एनर्जी उद्योग लगाने के लिए प्रोजेक्ट की लागत का 15% ग्रांट देगी। और इलेक्ट्रिसिटी टैक्स में भी 10 साल तक पूरी छूट मिलेगी और उद्योगों को रॉ मटेरियल के रूप में नगरीय कचरे की निःशुल्क आपूर्ति 15 साल तक होगी।
प्रदेश सरकार नई बायो एनर्जी पॉलिसी को कैबिनेट से पास करवाकर निवेशकों के सामने रखेगी। इस पॉलिसी को लागू करने के लिए UPNEDA नोडल एजेंसी होगी। बायो एनर्जी के क्षेत्र में काम करने वाली इच्छुक कंपनियों को जमीन की रजिस्ट्री पर स्टाम्प शुल्क में भी छूट मिलेगी। और इसके लिए जमीन लेने संबंधी दस्तावेज के साथ पालिसी की सेवा शर्तों को प्रस्तुत करना होगा और यह छूट तय समय-सीमा के लिए दी जाएगी।
पॉलिसी का लाभ लेने के लिए इच्छुक कंपनियों को UPNEDA में रजिस्ट्रेशन करने के लिए तय फॉर्मेट में आवेदन करना होगा और जमीन की रजिस्ट्री की सर्टिफाइड कॉपी लगनी होगी। इसके साथ ही 10,000 रुपये रजिस्ट्रेशन शुल्क देना होगा और तीन सालों की बैलेंस शीट, परियोजना स्थल पर जल आवंटन आदेश, नगरीय निकाय या ग्राम पंचायत की NOC के साथ प्रोजेक्ट की डिटेल रिपोर्ट देनी होगी।
आपको बता दें कि, केंद्र सराकर द्वारा संयंत्रों पर दी जा रही सब्सिडी (अधिकतम 20 लाख रुपये की सीमा तक) प्रदेश सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। और जिन नई बायो एनर्जी कंपनियों को केंद्र या राज्य कहीं से भी कैपिटल सब्सिडी नहीं मिल रही है, उन कंपनियों को प्रोजेक्ट लागत का 15% ग्रांट मिलेगा।
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