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Uttar-Pradesh-Hindi

3 घंटे में पूरा होगा गाजियाबाद से कानपुर तक का सफर, बनने जा रहा 380 किमी लंबा एक्सप्रेसवे

यह कॉरिडोर 380 किलोमीटर लंबा होगा और 2025 तक तैयार हो जाएगा। इस कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण की शुरुआत 8 लेन एक्सप्रेसवे की तर्ज पर की जाएगी।

Pawan Kaushal

उत्तर प्रदेश के 2 प्रमुख औद्योगिक शहरों को जोड़ने के लिए नए कॉरिडोर को केंद्र सरकार की तरफ से मंजूरी मिल गई है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, गंगा एक्सप्रेस-वे, लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे के बाद अब गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेस-वे भी बनेगा। इस 380 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर (Greenfield Economic Corridor) के बन जाने से गाजियाबाद और कानपुर के बीच की दूरी सिमटकर महज 3 घंटे ही रह जाएगी। यह ग्रीनफील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर उत्तर प्रदेश के 9 जिलों से होकर गुजरेगा। अभी गाजियाबाद से कानपुर के बीच यमुना एक्सप्रेसवे पर 6 घंटे लगते हैं, जबकि एनएच-9 से जाने में 9 घंटे का समय लगता है।

यूपी के 9 गुजरेगा यह ग्रीनफील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर

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380 किलोमीटर लंबा यह ग्रीनफील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर (Greenfield Economic Corridor) उतर प्रदेश के कुल 9 जिलों से होकर गुजरेगा। इनमें, गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज, उन्नाव, कानपुर से होकर गुजरेगा। इस कॉरिडोर को शुरू में 4 लेन का बनाया जाएगा। और अंडरपास और पुलियों पर इसे 6 लेन का बनाया जाएगा, जिसे भविष्य में बढ़ाकर 8 लेन कर दिया जाएगा। सड़क चौड़ीकरण के लिए बगल में जमीन बचाकर रखी जाएगी।

3 घंटे में पूरा होगा गाजियाबाद से कानपुर तक का सफर

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अभी कानपुर और गाजियाबाद को जोड़ने वाले यमुना एक्सप्रेसवे पर सफर करने में लगभग 6 घंटे लगते हैं, जबकि एनएच-9 पर यात्रा करने वालों को कम से कम 8 घंटे लगते हैं। इस तरह से नया कॉरिडोर यात्रियों के लिए बेहद फायदेमंद होगा और यह यात्रा के समय को घटाकर केवल 3 घंटे कर देगा।

यह कारिडोर लखनऊ से कानपुर के बीच बन रहे एक्सप्रेस-वे को उन्नाव और कानपुर के बीच जोड़ेगा जबकि गाजियाबाद और हापुड में मौजूदा मेरठ एक्सप्रेस-वे को जोड़ेगा। इसके साथ ही यह कारिडोर मेरठ एक्सप्रेसवे को दो जगह पर जोड़ते हुए बनाया जा रहा है। पहले डासना -मसूरी के आगे गाजियाबाद की सीमा से एनएच-9 से जोड़ते हुए निर्माण शुरू होगा।

इसके बाद हापुड़ में बाईपास (पुराने एनएच-24 ) को जोड़ते हुए बनाया जाएगा। आगे जाकर यह दोनों जोड़ एक जगह मिल जाएंगे। इससे फायदा यह होगा कि गाजियाबाद की ओर से आने वाले ट्रैफिक को कारिडोर पर चढ़ने के लिए हापुड़ तक नहीं आना पड़ेगा। वह मसूरी के पास से सीधे कानपुर के लिए जा सकेंगे। मेरठ, हापुड़ और अमरोहा की तरफ से आने वाले वाहन सीधे हापुड़ बाइपास से कारिडोर को पकड़कर कानपुर व लखनऊ तक जा सकेंगे।

प्रॉजेक्ट के 2025 तक पूरा हो जाने की उम्मीद

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नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के एक अधिकारी के मुताबिक, सितंबर 2019 में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गाजियाबाद से कानपुर को लिंक करते हुए आर्थिक गलियारा बनाये जाने की घोषणा की थी। ऐसा करने की वजह दोनों औद्योगिक शहरों के बीच की दूरी को कम करना था। पिछले सप्ताह मंत्रालय की तरफ से इस गलियारे को मंजूरी भी मिल गई। इस प्रॉजेक्ट के 2025 तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। शुरू में यह 4 लेन का होगा, जिसे बढ़ाकर 8 लेन का कर दिया जाएगा।'

इस ग्रीनफील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर (Greenfield Economic Corridor) के लिए जमीन को तलाशने का सर्वे किया जा रहा है। डीपीआर पर काम भी शुरू हो चुका है और एनएचएआई के मुताबिक सालभर में यह कॉरिडोर तैयार हो जाएगा। एक अधिकारी ने बताया, 'परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण 2023 तक पूरा हो जाएगा। और फिर उसके बाद अगले 2 साल में प्रॉजेक्ट पूरा हो जाएगा।' इस कॉरिडोर के बनने से इंडस्ट्री सेक्टर को फायदा होगा। समय और यात्रा का खर्चा भी कम होगा।

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