लखनऊ समेत पूरे उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी और विभागीय कामिर्कों के शोषण से बचाने के लिए ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने नए दिशा निर्देश देते हुए शासनादेश जारी कर दिया है। इसके अंतर्गत अब उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी नहीं की जा सकेगी और बिजली विभाग का हर कर्मचारी काम के प्रति जवाबदेह होगा। और अगर कोई बिजलीकर्मी किसी उपभोक्ता के घर मीटर रीडिंग या चेकिंग के लिए भी जा रहा है तो उपभोक्ता उस कर्मी से उसका परिचय पत्र मांग सकता है। इसके साथ ही उपभोक्ता जियोटैगिंग फोटो भी खींचेगा और चेकिंग करने वाली टीम को मौके से ही जांच आख्या पोर्टल पर अपलोड भी करना होगा। यह व्यवस्था पहली बार यूपी में लागू की गई है।
UPPCL द्वारा जारी शासनादेश में साफ निर्देश दिया गया है कि, अगर कोई भी बिजली कर्मचारी किसी भी उपभोक्ता के घर पर जा रहा है तो सबसे पहले उपभोक्ता को अपना परिचय पत्र खुद दिखाए। अपनी तैनाती का पूरा विवरण दे और अगर उपभोक्ता फोटो लेना चाहता है तो उसका पूरा सहयोग करे। शासनादेश में कहा गया है कि मीटर, कनेक्शन, चेकिंग से जुड़ी सभी सेवाएं पूरी तरह पारदर्शी रहेंगी। चेकिंग के नाम पर उपभोक्ताओं का शोषण नहीं किया जाएगा और समयबद्ध तरीके से बिजली से जुड़े उपभोक्तओं के काम होंगे जिससे कोई परेशानी न हो और अनावश्यक देरी न हो। और उपभोक्ताओं की सुविधा को लेकर उठाए जाने वाले कदमों की सख्ती से मॉनिटरिंग भी होगी।
साथ ही यह भी स्पष्ट रूप से कहा गया है कि, अगर कोई भी UPPCL कर्मचारी इन सभी दिशानिर्देशों का पालन नहीं करता है, यह इससे जुड़ी शिकायत उसके खिलाफ होती है तो तत्काल प्रभाव से कड़ी विभागीय कार्रवाई होगी।
कोई भी उपभोक्ता UPPCL बिजली कर्मचारियों से उनका परिचय और पूरा विवरण मांग सकता है और उन्हें जवाब दिया जाएगा।
अगर किसी भी उपभोक्ता से जुड़ी जांच उसके घर पर की जाती है तो कर्मचारियों को तत्काल फोटो के साथ जांच आख्या पोर्टल पर अपलोड करनी होगी।
सभी उपभोक्ता बिजली से जुड़ी किसी भी समस्या या शिकायत के लिए कर्मचारियों से उनके कार्यालय में ही मिले, जिससे उनकी समस्या का समाधान तुरंत हो सके।
अगर किसी भी उपभोक्ता को बिजली से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है तो तत्काल 1912 पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है।
अभी तक अक्सर ऐसे वाकये देखने को मिलते हैं जहां उपभोक्ता और बिजली कर्मियों के बीच चेकिंग और मीटर रीडिंग के नाम पर नोकझोंक होती है और कई बार यह नोकझोंक हिंसक भी हो जाती है। इन्ही सारी घटनाओं को देखते हुए और इनपर लगाम लगाने के लिए यह कदम उठाया गया है। इससे उपभोक्ता और बिजली कर्मियों को आसानी होगी और एक पारदर्शिता बनी रहेगी।
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