लखनऊ समेत पूरे उत्तर प्रदेश में अब किसी भी संपत्ति को रजिस्टर करने के लिए आधार कार्ड देना होगा। संपत्ति दस्तावेज के रजिस्ट्रीकरण की प्रक्रिया में पक्षकारों की पहचान, उनकी सहमति से किये जाने के लिए आधार प्रमाणीकरण किया जाएगा।
इस बारे में रजिस्ट्रीकरण अधिनियम-1908 के अधीन राज्यपाल ने अनुमति प्रदान की है और स्टाम्प एवं रजिस्ट्री विभाग की प्रमुख सचिव विना कुमारी ने इस बारे में शुक्रवार को शासनादेश जारी किया है। इस शासनादेश के अनुसार दस्तावेज रजिस्ट्रीकरण की प्रक्रिया में आधार प्रमाणीकरण के लिए पक्षकारों की सहमति प्राप्त करने की पद्धति महानिरीक्षक निबंधन द्वारा स्थापित की जाएगी।
अभी तक दस्तावेज रजिस्ट्रीकरण की प्रक्रिया में पक्षकारों और गवाहों के आधार लिए जाते थे, मगर नकल में उनके प्रिंट आउट शामिल नहीं किये जाते थे, क्यूंकि ऐसा करने से आधार का दुरुपयोग हो रहा था। अब पक्षकारों की सहमति से आधार की स्कैनिंग भी होगी।
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