उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए सरकार जून के पहले सप्ताह में यूपी इन्वेस्टर्स समिट (UP Investors Summit ) के तीसरे चरण की मेजबानी करेगा। रिपोर्ट के अनुसार, ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह में उत्तर प्रदेश में लगभग 1,500 परियोजनाओं का शुभारंभ होगा, जिनकी कीमत 75,000 रुपये से अधिक है। इसका एक प्रमुख पहलू यहां माइक्रो स्मॉल, मध्यम इंटरप्राइजेज की 865 इकाइयों की स्थापना होगी, जो कुल 3586 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित की गई हैं।
उत्तर प्रदेश अब एक प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में पहचाने जाने के लिए तैयार है, जो कि सभी के लिए नए अवसरों और रोजगार पेश करेगी। इसके लिए, राज्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) क्षेत्र को बिजली का बढ़ावा देगा, जिससे यहां लगभग 48,766 नौकरियों का मार्ग प्रशस्त होगा।
विशेष रूप से, राज्य के मेरठ जिले को विकास कार्यक्रम के केंद्र के रूप में पहचाना गया है। 283 से अधिक इकाइयां, जिले में अनुसूचित MSME की सबसे अधिक संख्या स्थापित की जाएगी, जिसे 702 करोड़ रुपये के निवेश पर लगभग 3,985 रोजगार के अवसर खुलेंगे।
इसके बाद विकास कार्यक्रम का अगला पड़ाव अयोध्या रहेगा, जहाँ 915 करोड़ रुपये के निवेश से MSME की लगभग 128 इकाइयां बनाई जाएंगी। इनसे जिले में 5991 से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
इन्वेस्टर्स समिट भी अडानी और हीरानंदानी ग्रुप्स द्वारा यूपी में बड़े बजट के डेटा सेंटर्स के लिए लॉन्चपैड होगा। क्रमशः 4,900 करोड़ और ₹9,100 करोड़ के निवेश से चिह्नित, इन परियोजनाओं के साथ Microsoft के ₹2,100-करोड़ के सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट केंद्र होंगे।
यूपी के औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों के अनुसार, आगामी समिट में लगभग ₹ 21,000 करोड़ का निवेश केवल सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्रों में होगा।
इसके अलावा, मिर्जापुर में डालमिया ग्रुप द्वारा ₹600 करोड़ के सीमेंट निर्माण प्लांट और हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड के डिटर्जेंट प्लांट पर काम भी तीसरे टर्म के ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह में होगा। कपड़ा, पर्यटन, ऊर्जा, खाद्य प्रसंस्करण और फार्मा की कई अन्य परियोजनाएं भी शुरू की जाएंगी।
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