उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए अब घर में बार स्थापित करना आसान हो गया है। मंगलवार को हुई समीक्षा बैठक में राज्य मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश एक्साइज (बार लाइसेंस की स्वीकृति) नियमावली (प्रथम संशोधन) 2022 और (डिस्टिलरी स्थापना) सोलहवां संशोधन नियमावली के प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इससे राज्य में निजी-होम बार लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया सरल हो गई है। अधिक जानने के लिए पढ़े:
यूपी की जनता अब अपने परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों, मेहमानों और दोस्तों के लिए ₹12,000 की वार्षिक लागत और ₹25000 सुरक्षा शुल्क के साथ घर पर एक निजी बार का लाइसेंस लेने में सक्षम होगी।
अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि इससे पहले 750 एमएल की 4 बोतलें ही बिना लाइसेंस के घरों में रखने की अनुमति थी। हालांकि नया परमिट उन्हें शराब की 15 कैटेगरियों की करीब 71 बड़ी और छोटी बोतलें रखने का अधिकार देगा।
इस निजी होम बार लाइसेंस के साथ, राज्य के लोग आवासीय परिसर में 21 वर्ष से अधिक उम्र के किसी भी व्यक्ति को भारत में निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) और विदेशों से इम्पोर्ट की गयी शराब पीने और सर्व करने में सक्षम होंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, इन होम बार का निरीक्षण एक्साइज कमिश्नर की अनुमति पर ही किया जा सकता है।
इसके अलावा, राज्य ने कमर्शियल लाइसेंस प्राप्त करने के नियमों को आसान बनाने के लिए उत्तर प्रदेश एक्साइज (बार लाइसेंस की स्वीकृति) नियम 2022 में भी संशोधन किया है। एक कमर्शियल परमिट की खरीद के लिए आवश्यक बैठने की जगह, बार को स्थापित करने की जगह प्रभावी फैक्टर्स है। इन दोनों कॉम्पोनेन्ट में ढील दी गई है:
अब कम से कम 100 वर्ग मीटर बैठने की जगह पर कमर्शियल शराब लाइसेंस प्राप्त किया जा सकता है, जो पिछले 200 वर्ग मीटर की आवश्यकता का आधा है। इसी तरह, बैठने की क्षमता भी पहले के 40 मेहमानों से घटाकर 30 कर दी गई है।
उल्लेखनीय है कि शराब के लाइसेंस अब सीधे राज्य से प्राप्त किए जाएंगे। स्थानीय अधिकारियों के पास अब ऐसा करने का अधिकार नहीं है।
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