यूपी में पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास में, राज्य सरकार नैमिषारण्य धाम के पुनर्विकास के लिए पूरी तरह तैयार है। लखनऊ से लगभग 80 किमी दूर, यह प्रसिद्ध धार्मिक स्थान यूपी के सीतापुर जिले में स्थित है और इसे कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर (AKTU) के द्वारा तैयार किये गए मास्टर प्लान के अनुरूप एक नया रूप दिया जाएगा।
इस विकास परियोजना के दायरे में, नदी के किनारे की स्थापना, गंगा घाट का विस्तार और रोड कनेक्टिविटी में सुधार सहित पूरे क्षेत्र को व्यवस्थित रूप से अपग्रेड किया जाएगा। इसमें 5 कोसी यात्रा मार्ग, 14 कोसी यात्रा मार्ग और 84 कोसी यात्रा मार्ग का विकास शामिल है। इसके अलावा, जल्द ही धाम में एक नया ध्यान केंद्र भी स्थापित किया जाएगा।
हर साल, 1.5 लाख से अधिक तीर्थयात्री इस पवित्र मंदिर में आते हैं। इन आगंतुकों के ठहरने के लिए उचित व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए, प्रशासन ने अन्य राज्यों की सरकारों को धाम के पास मठ या गेस्ट हाउस बनाने की अनुमति दी है।
पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव मुकेश मेश्राम के अनुसार जल्द ही इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर शासन को स्वीकृति के लिए भेजी जाएगी। प्रशासन द्वारा इस पुनर्विकास परियोजना को अंतिम मंजूरी मिलते ही काम शुरू हो जाएगा।
मास्टर प्लान के अनुसार, इस धाम को अपने पारंपरिक स्वरूप को बनाए रखने के लिए बलुआ पत्थर और पीले पत्थरों से सजाया जाएगा। भविष्य में पर्यटकों की संख्या में संभावित वृद्धि को ध्यान में रखते हुए यह मास्टर प्लान अगले 50 वर्षों तैयार किया गया है।
इसके अलावा, प्रशासन तीर्थयात्रियों की सुगम यात्राके लिए नैमिषारण्य धाम के आसपास के पूरे क्षेत्र का पूर्ण पुनर्विकास करेगा।
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