इंदौर महिला थाना ने नई पहल 'एहसास' के तहत महिलाओं को गुड टच और बैड टच के बारे में जागरूक किया
इंदौर में बालिकाओं को उनकी सुरक्षा के बारे में शिक्षित करने के लिए महिला थाना के कर्मचारियों ने रविवार को लालबाग पैलेस के पास एक झुग्गी बस्ती का दौरा किया। पुलिस ने 5 से 12 साल की लड़कियों को गुड टच (Good Touch) और बैड टच (Bad Touch) में अंतर को पहचानने के बारे में बताया। लड़कियों को इस तरह के मामलों का शिकार होने पर अपने परिवारों और पुलिस को मामले की रिपोर्ट करने की आवश्यकता के बारे में भी जागरूक किया गया। इसके अलावा, युवा लड़कियों को अपने परिवार, शिक्षकों या पुलिस को उत्पीड़न की घटनाओं की रिपोर्ट करने के लिए भी कहा गया।
इंदौर पुलिस की नई पहल 'एहसास' के तहत जागरूकता अभियान चलाया गया। इस अभियान का उद्देश्य बच्चियों को उनकी अपनी सुरक्षा के बारे में शिक्षित करना और उन्हें आश्वस्त करना था कि उत्पीड़न की घटना को रिपोर्ट करने पर सहायता प्रदान की जाती है।
एक महत्वपूर्ण संदेश देने के लिए सरल भाषा और सौम्य रवैया
जागरूकता फैलाने के लिए अधिकारियों का दृष्टिकोण सरल, सीधा और प्रभावी था। उन्होंने लड़कियों को गुड टच (Good Touch) और बैड टच (Bad Touch) के बीच के अंतर को समझाने के लिए सरल भाषा का इस्तेमाल किया। उन्होंने लड़कियों के सवालों का भी स्वागत किया और उसी के अनुसार उनका जवाब दिया। लड़कियों को यह भी कहा गया कि लोगों पर आंख मूंदकर भरोसा न करें, क्योंकि कोई भी, कहीं भी खतरा हो सकता है। अधिकारियों ने जाने से पहले चॉकलेट और कैंडी भी बांटी जिससे बच्चों का अनुभव और भी बेहतर हो गया।
बाल पीड़ितों और उनके देखभाल करने वालों के बीच बातचीत शुरू करने की तत्काल आवश्यकता के लिए इस तरह का एक कदम महत्वपूर्ण है। हमारे देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हमेशा खतरा बना रहता है। दैनिक आधार पर रिपोर्ट की जाने वाली उत्पीड़न और बलात्कार की घटनाओं की संख्या पहले से ही भयावह है, जबकि इससे भी बड़ी संख्या में घटनाएं दर्ज नहीं की जाती हैं और अनदेखी, अनसुनी रह जाती हैं।
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