बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 - UP के ये 10 जांबाज़ खिलाड़ी दिखाएँगे खेल के मैदान में अपना दम
वर्ष 2022 के कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) नजदीक है और भारतीय दल इस विश्वस्तरीय मंच पर कांटे की टक्कर देने को तैयार है। यह कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की 18वीं उपस्थिति होगी। भारतीय कैंप इस बार 101 व्यक्तिगत एथलीट (Individual athlete) और तीन टीमों से बना है - महिला क्रिकेट टीम, और हॉकी पुरुष और महिला टीम। यह टूर्नामेंट 28 जुलाई से 8 अगस्त तक यूनाइटेड किंगडम के बर्मिंघम (Birmingham) में आयोजित किया जाएगा। इस बार यूपी से 10 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं जो अपने अद्वितीय प्रदर्शन के साथ खुद को साबित करने के लिए मैदान में उतरेंगे।
आईये देखते हैं यूपी के महत्वकांक्षी खिलाड़ियों को जो मन में फौलादी जज़्बा और अपनों के विश्वास और गौरव के साथ इस वर्ष कॉमनवेल्थ गेम्स में तिरंगा लहराकर ही लौटेंगे।
सीमा पुनिया (मेरठ की डिसकस थ्रोअर)
पहले से ही एक कांस्य और तीन लगातार रजत पदक विजेता होने के बाद 38 वर्षीय डिस्कस थ्रोअर सीमा पुनिया (discus thrower Seema Punia) की नज़र इस बार स्वर्ण पदक पर है। पिछले संस्करण में, वह सोने से चूक गई थी। 2014 इंचियोन एशियाई स्वर्ण पदक विजेता का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो 63.72 मीटर है। वह उस निशान को दोहराने के लिए दृढ़ संकल्पित होगी।
दीप्ति शर्मा (आगरा की ऑलराउंड क्रिकेटर)
आगरा की रहने वाली भारतीय महिला क्रिकेट टीम की आलराउंडर खिलाड़ी दीप्ति शर्मा (Deepti Sharma) को इस बार कॉमनवेल्थ में जगह मिली है। उन्होंने प्रदेश की सीनियर टीम में करीब 5 साल तक खेला है। 2020 में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित दीप्ति ने टी- 20 वर्ल्ड कप में 61 मैच खेले हैं और उनका प्रदर्शन बेहतरीन रहा है।
सरिता सिंह (मुरादाबाद की हैमर थ्रोअर)
लॉन्ग जम्प (Long jump) से लेकर ट्रिपल जम्प (Triple jump) और फिर हैमर थ्रोइंग (hammer throwing ) तक, सरिता रोमित सिंह (Sarita Romit Singh) ने एथलेटिक्स में सफलता की अलग-अलग डिग्री के साथ अपनी छाप छोड़ने की पूरी कोशिश की है। एशियाई गेम्स में देश का प्रतिनिधित्व करने वाली सरिता ने सीनियर नेशनल इंटर स्टेट चैंपियनशिप में रजत भी पाया है। और अब वे इस वर्ष कॉमनवेल्थ गेम्स में पदार्पण करने के लिए तैयार हैं।
विजय यादव (वाराणसी के जूडोका)
वाराणसी जिले के महुरिया सुलेमपुर के रहने वाले छब्बीस वर्षीय काशी के जुडोका विजय कुमार यादव (Vijay Kumar Yadav) बर्मिंघम में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में 60 किलोग्राम से कम वर्ग के जूडो में जीत का झंडा फहराने की उम्मीद कर रहे हैं। उन्हें 2018 में कॉमनवेल्थ जूडो चैंपियनशिप में गोल्ड अर्जित किया था।
पूनम यादव (वाराणसी की वेटलिफ्टर)
2014 के कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक और 2015 में गोल्ड, फिर 2017 में रजत पदक और 2018 में गोल्ड, और अंत में 2021 के कॉमनवेल्थ में रजत जीत चुकी पूनम वाकई इस विश्वस्तरीय मंच की रगरग से वाकिफ हैं और एक बार फिर धूम मचाने के लिए तैयार हैं।
रोहित यादव (जौनपुर के जैवलिन थ्रोअर)
रोहित यादव उत्तरप्रदेश के जौनपुर के रहने वाले हैं। वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में वो पदक से चूक गए थे। रोहित यादव ने फाइनल में 10वां स्थान हासिल किया था। वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पदक ना जीत पाने का मलाल रोहित अब कॉमनवेल्थ गेम्स में दूर करेंगे।
प्रियंका गोस्वामी (मेरठ की 10 किमी वाक रेसर)
पिछले महीने प्रियंका ने स्पेन में आयोजित ला कोरुना वर्ल्ड एथलेटिक्स रेस वॉकिंग टूर गोल्ड इवेंट (La Coruna World Athletics Race Walking Tour Gold event ) में भाग लिया था, लेकिन वह 10 किमी में अपने 45 मिनट और 48 सेकंड के समय से संतुष्ट नहीं थीं। प्रियंका का मानना है कि बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में उनके पास 45 मिनट से भी कम समय में 10 किमी दौड़ने की क्षमता है।
अन्नू रानी (मेरठ की जैवलिन थ्रोअर)
नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) की गैरमौजूदगी में जेवलिन की कमान अन्नू रानी (Annu Rani) को सौंपी गई है। 2014 एशियाई खेलों की कांस्य पदक विजेता का 63.24 मीटर का इंडिविजुअल सर्वश्रेष्ठ थ्रो है - महिलाओं के जेवलिन थ्रो में भारत का राष्ट्रीय रिकॉर्ड है। यदि ये 29 वर्षीय खिलाड़ी इसी लेवल का खेलती हैं तो वे ज़रूर पदक अपने नाम कर सकती हैं।
वंदना कटारिया (मेरठ की हॉकी खिलाड़ी)
भारतीय महिला हॉकी टीम की फॉरवर्ड खिलाड़ी वंदना कटारिया (Vandana Katariya), जो टोक्यो ओलंपिक में भारत के ऐतिहासिक चौथे स्थान पर रहीं, उन्होंने कहा कि टीम का लक्ष्य 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतना है। वंदना ने पहली भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ी बनकर एक दुर्लभ उपलब्धि हासिल की। ओलंपिक के इतिहास में हैट्रिक बनाई। हॉकी स्टार 2016 में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी, 2017 में एशिया कप, 2014 में एशियाई खेलों में कांस्य और 2018 में रजत में भारत की स्वर्ण पदक जीत का भी हिस्सा रही हैं।
दिव्या काकरान (मुज़्ज़फरपुर की पहलवान)
गांव पुरबालियान निवासी दिव्या काकरान (Divya Kakran) बर्मिंघम कामनवेल्थ गेम्स में 68 किलोभार वर्ग में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी। गांव के अखाड़े से निकलकर दिव्या ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुश्ती में मुकाम हासिल किया है। विभिन्न प्रतियोगिताओं में गोल्ड, सिल्वर और कांस्य समेत 72 से अधिक पदक जीत चुकी हैं।
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