Diwali 2022 - जिम्मेदार नागरिक बनें, चिड़ियाघर और जानवरों के आसपास तेज आवाज वाले पटाखे न चलाएं
दीपावली ( Deepawali) को रोशनी का पर्व कहा जाता है और इसे पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। रोशनी के इस त्योहार पर अगर आप तेज आवाज वाले पटाखे जला रहे हैं तो कृपया अपने आसपास रहने वाले जानवरों का विशेष ध्यान रखें, ताकि उन्हें पटाखों के शोर से परेशानी न हो।
साथ ही अगर आपका घर चिड़ियाघर के पास है तो तेज आवाज वाले पटाखों का इस्तेमाल न करें। और रॉकेट अथवा ऐसे पटाखे जो ऊपर आसमान जाकर फटते हो, इस तरह के पटाखों को चिड़ियाघर के पास न चलायें क्यूंकि ऐसे पटाखों से आपके पड़ोसी वन्यजीवों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वन्यजीव भयभीत हो जाते हैं जिससे उन्हें हानि पहुँचती है। इसके साथ ही चिड़ियाघर के पास अधिक धुंआ करने वाले पटाखों का भी इस्तेमाल करने से बचें, क्यूंकि इससे जानवरों के स्वास्थ्य पर बूरा असर पड़ता है।
पटाखों की तेज आवाज से बहरे हो सकते हैं जानवर
दीपावली या किसी भी अन्य पर्व पर तेज आवाज वाले पटाखों से जानवर भयभीत तो होते ही हैं, साथ ही वह बहरे भी हो सकते हैं। पशु विशेषज्ञों के अनुसार, किसी भी तरह की तेज आवाज खासकर की पटाखों की आवाज से जानवरों के सुनने की क्षमता पर घातक असर पड़ता है। ऐसा इसलिए क्यूंकि इंसानों के मुताबिक जानवरों के सुनने की क्षमता अधिक होती है। डॉग्स में सुनने की क्षमता तीन से पांच गुना होती है और बिल्लियों में यह पांच से 10 गुना होती है। और इसी कारण पटाखों की तेज आवाज से जानवरों का तनाव बढ़ जाता है जिससे बहरापन भी हो सकता है।
तेज आवाज से जानवरों को घबराहट भी महसूस होती है, जिससे वह गुस्सैल और चिड़चिड़े भी हो जाते हैं। और इन सब कारणों की वजह से जानवरों के हिंसक होने का खतरा भी बना रहता है। इसलिए अपने आसपास जानवरों का ख्याल रखें और उनके नज़दीक और चिड़ियाघर के पास तेज आवाज वाले पटाखों का इस्तेमाल न करें !
जिम्मेदार नागरिक बनें और अपने आसपास रहने वाले जानवरों का ख्याल रखें
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